Thursday, 7 June 2012

अभंग ...
शिव माझे शंभू! तूची भोलेनाथ!
अनाथांचा नाथ! पितामहा!!

समुस्द्र-मंथन! हलाहल आले!
प्राशानही केले! नीलांबरा!

 हे देवाधिदेव! प्रभू महादेवा!
अर्पियतो सेवा! स्वीकारावी!

मी मूर्ख अजाण! मुळात पाषाण!
कर्मात सुजाण! बनवावे!

तुझ्या नाम भक्ती! तुझ्या नाम उक्ती!
सत्य-कर्म शक्ती! मज द्यावी!

रूप महाकाय! रुद्र अवतार!
नृत्य अविष्कार! नटरंगा!!


प्रवीण पुजतो! शिव मंत्र जाप!
सद्कार्म माप! दळूनिया!!

प्रवीण(डेबुजी) हटकर.

No comments:

Post a Comment