Friday, 19 October 2012

एक आगळावेगळा प्रयोग... हिंदी-उर्दू-मराठी गझल !

   "मारवा"
जिंदगी कारवा
बोलला पारवा

आह थंडी भरी
बोचला गारवा

बासुरी यह बजी
गायिला मारवा

छेद है रूह पर
भेग ती सारवा

डाल पाणी जरा
घट्ट झाला रवा !!!

                  - प्रवीण (डेबुजी) हटकर
                मोब: ८०५५३१२२८१

No comments:

Post a Comment