मन नी आभाळ...!
आभाळ दाटले! मन पिसाटले!
धाव सुसाटले! सैरावैरा!!
मन हतबल! क्षण उनाडले!
अंगी बागळले! द्वैत विजा!!
सल उसवली! मना पाझरली!
धुंद पसरली! आसमंती!
आभाळ ओढती! सप्तरंगी रेघ!
मनातली भेग! पुसूनिया!!
मन नि आभाळ! जोडली क्षितीज!
अंकुरुनी बीज! वेदनेचे!!
मन आभाळले! नैन पाझरले!
मन हंबरले! श्रावणात!!
कावरे बावरे! मन ना आवरे!
आभाळांत सारे! रास करी!!
आभाळ नमले! आभाळ क्षमले!
मन ना दमले! अजूनही!!
न अता वादळा! प्रवीण सावरी!
लाखदा आवरी! मनास का!!
-प्रवीण(डेबुजी) हटकर.
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