अभंग...
विश्वासाच रोप! मनात रुजवा!
विस्तृत फुलवा! वटवृक्ष!!
आत्मविश्वास हा! स्व: जाणीव भाग!
अंतरीस जाग! विश्वासाने!!
स्व: जाणीव होते! आत्म-जाणीवेत!
कृती व्यक्ततेत! विचारांच्या!!
विचार आचार! विचार प्रसार!
विचार प्रचार! माध्यम हे!
आत्मविश्वास ना! मिळे बाजारात!
मिले अंतरित! झाक तुझ्या!!
आत्मविश्वास नि! विचारांची जोड!
नाही जगी तोड! आज तुला!
आपले विचार! विश्वासाने मांड!
झुकेल ब्रम्हांड! पुढे तुझ्या!!
विश्वास नसणे! विचार अस्पष्ट!
विचार संतुष्ट! तू नसणे!!
आत्म अंतरीस! जाग विश्वासाने!
आत्मविश्वासाने! जगशील!!
प्रवीण अंतरी! आत्म्यास जागून!
विश्वास होवून! जगतोय!!
-प्रवीण(डेबुजी) हटकर।
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