Saturday, 11 August 2012

अभंग...

देवा गजानना! गुरु गजानना!
प्रगटुनी जना! उद्धारिले!!

वेश अवलिया! दिव्यसा चेहरा!
प्रेमरूपी झरा! अंतरीला!!

ब्रम्हांड नायक! शेगावीचा राणा!
एकतेचा बाणा! मंत्र तुझा!!

अन्न पूर्ण ब्रम्ह:! सांगून महत्व!
पाळूनिया तत्व! सुखी जो तो!!

एक एक गण! गणात बोवूनी!
भजन गावूनी! दंग होऊ!!

तुझ्यात आनंद! अंतरी स्वानंद!
बा... परमानंद! मिळे आम्हा!!

जाणतो प्रवीण! बाबा तुझा मार्ग!
एक धर्म स्वर्ग! एकतेचा!!
-प्रवीण(डेबुजी) हटकर.

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